काले रंग को शादी के दौरान कौसो दूर रखा जाता है। लेकिन, कई स्थानों पर शादी के बाद दुल्हन को लाल चूड़ियों के साथ काली चूड़ियां पहने देखा जाता है। अगर आपके मन में भी ये सवाल है कि ऐसा क्यों है, इसका महत्व क्या है? तो, चलिए पंडित विनोद सोनी जी से इसके महत्व और कारण के बारे में जानते हैं -
6 महीने में हर दिन में काले रंग की चूड़ियों को बदलना होता है। अगर वह बदलने से पहले टूट जाए तो, निगेटिव एनर्जी नष्ट हो जाती है।
काले रंग की चूड़ियां पहनना का कारण इसका महत्व है कि इन चूड़ियों को पहनन से दुल्हन के सुहाग को बुरी नजर न लगे। ये एक तरह का टोटका होता है।
काली चूड़ियों को बदलने के बाद इसे किसी और महिला को पहनने के लिए न दें। बल्कि, इन्हें पवित्र नदीं में सिरवा देना चाहिए।
कांच को हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना गया है। इसलिए, अगर काले रंग की चूड़़ियों को कांच का होनी चाहिए। मेटल या प्लास्टिक की नहीं होनी चाहिए।
इसे पहनने से आर्थिक परेशानियां भी खत्म होती हैं। पति की आर्थिक तरक्की के लिए दुल्हन को काली चूड़ी पहननी चाहिए।
काला रंग जिस तरह से अपने ऊपर किसी दूसरे रंग को चढ़ने नहीं देता है, वैसे ही आपके रिश्ते पर किसी और रंग नहीं चढ़ पाता।
काला रंग जितना गहरा होता है, उतना ही गहरा आपका रिश्ता हो इसलिए भी आपको काली चूड़ी पहननी चाहिए।
अगर आपके यहां भी लाल के साथ काली चूड़ियों को पहनना का रिवाज है तो, इ। स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। इससे जुड़ी अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें