Types of OS :-
1. बैच ऑपरेटिंग सिस्टम : – इस प्रकार के os में कई Job(Process) का बैच बनाकर उसे एक साथ run किया जाता है। इस os में यूजर directly communication interface नहीं सकता है. सिस्टम ने सभी जॉब्स को पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर एक queue में रखा जाता था । जब सभी कार्य execute हो जाते हैं, तो उपयोगकर्ता अपने संबंधित आउटपुट प्राप्त कर सकता था.इस प्रकार के os में यूजर offline जॉब को तैयार करता है जैसे :- punch card में जॉब को स्टोर करके जॉब को कंप्यूटर में सबमिट किया जाता था.
2. multiprocessor ऑपरेटिंग सिस्टम :- इस प्रकार के os में एक से ज्यादा प्रोसेसर होते है तथा कंप्यूटर bus, Clock , Memory, एवं पेरीफेरल डिवाइस को आपस में शेयरिंग करते है इसलिए इसे parallel System कहा जाता है।
मल्टीप्रोसेसिंग में, Parallel कंप्यूटिंग archive की जाती है। सिस्टम में एक से अधिक प्रोसेसर मौजूद हैं जो एक ही समय में एक से अधिक प्रोसेस को execute कर सकते हैं। इससे सिस्टम का थ्रूपुट बढ़ता है।
सिस्टम में ज्यादा प्रोसेसर बढ़ने से ज्यादा कार्य कम समय में पूरा हो जाता है तथा मल्टीप्रोसेस्सोर में किसी एक प्रोसेसर पर इफ़ेक्ट नहीं पड़ता है।
3. Distributed Os :- दो या दो से अधिक सिस्टम को आपस में communicate करने के लिए एक पथ की जरूरत होती है जिसे नेटवर्क कहा जाता है।
डिस्ट्रीब्यूट सिस्टम का प्रयोग मल्टीप्ल कार्य / रियल टाइम एप्लीकेशन यूजर के लिए किया जाता है अर्थात सर्वर बनाने के लिए डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम का प्रयोग किया जाता है।
डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम में प्रोसेसर आपस में बहुत साडी communication buses या टेलीफोन लाइन्स के द्वारा कम्युनिकेशन होते है इसलिए इसे loosely coupled सिस्टम कहा जाता है।
4 . Multi programming ऑपरेटिंग सिस्टम : – जब भी कोई प्रोग्राम रन होते है तब CPU उसे allocate तथा execute करता है जब एक से अधिक प्रोग्राम मेमोरी में लोड होते है CPU one by one मेमोरी allocate करत है तथा प्रोग्राम को execute /run करता है. जब c.p.u पहले वाले प्रोगाम को एक्सेक्यूटे करता है तब अन्य प्रोग्राम CPU के लिए wait करते है।
जिससे CPU का idle टाइम कम होता है तथा CPU की utilization increase होती है अर्थात जहां सीपीयू को हमेशा व्यस्त रखा जाता है।मल्टीप्रोग्रामिंग वातावरण में, जब कोई प्रक्रिया अपना I / O करती है, तो CPU अन्य प्रक्रियाओं का निष्पादन शुरू कर सकता है। इसलिए, मल्टीप्रोग्रामिंग सिस्टम की दक्षता में सुधार करता है।
5 multitasking ऑपरेटिंग सिस्टम :- कोई भी प्रोग्राम जो की execution की अवस्था में होता है तो उसे प्रोसेस या टास्क कहा जाता है। एक मल्टीटाक्सिंग ऑपरेटिंग सिस्टम में दो या दो से अधिक एक्टिव प्रोसेस को एक साथ एक्सेक्यूटे करने की क्षमता होती है।
जब प्रोसेसर अलग – अलग प्रोग्राम की होती है जिसे multi programming ऑपरेटिंग सिस्टम कहते है इसलिए multi programming या multi tasking ऑपरेटिंग सिस्टम जा सकता है।
6 . टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम :- multi programming तथा multi यूजर सिस्टम में टाइम शेयरिंग का प्रयोग किया जाता है।
टाइम शेयरिंग सिस्टम में प्रयेत्क यूजर resources(printer,स्कैनर i/o ) को एक निश्चित समय के लिए होल्ड करके रखता है तथा इसे निश्चित टाइम को time quantum /time slice कहा जाता है। यह टाइम 10 से 100 मिलीसेकंड तक होता है.
प्रयेत्क यूजर को मिला टाइम स्लाइस को पूरा करने के बाद उसके प्रोसेस को टर्मिनेट कर देता है।
7. रियल-टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (RTOS) :- यह special purpose ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम उस जगह पर काम लिया जाता है जहां पर किसी operation को पूरा करने के control device लगाये जाती है। इसमें किसी application को पूरा करने के लिए एक निश्चित deadline दी जाता है। जैसे की scientific experiments, medical imaging system,industrial control system, certain display system, Rocket launching, telephone switching equipment तथा Flight control इत्यादि system के द्वारा control होते है।
रियल टाइम सिस्टम को दो भागो में बांटा गया है।
1 Soft real time system :- सॉफ्ट रियल टाइम सिस्टम में यदि कोई ऑपरेशन या एप्लीकेशन एक निश्चित Deadline में पूरा नहीं हो पाता है फिर भी वह Acceptable होता है। लेकिन इससे performance down हो जाती है। जैसे – industrial Control या Robotics, वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग।
यह मल्टीमीडिया तथा वर्चुअल रियलिटी एप्लीकेशन में काम आता है।
2 Hard Real Time OS :- इस टाइप के सिस्टम में यदि कोई operation अपनी निश्चित Deadline में पूरा नहीं हो पाता है तो सिस्टम फ़ैल हो जाता है। हार्ड रियल टाइम सिस्टम में सभी प्रोसेसिंग एक निश्चित टाइम period में पूरी होती है।
इसमें डाटा को short term memory या read only memory में store किया जाता। इसमें टाइम शेयरिंग सिस्टम होता है तथा जनरल purpose ऑपरेटिंग सिस्टम को काम में नहीं लिया जाता है
उदा. Rocket or missile launching etc.