Muje Free Mobile Milega Ya Nahi राजस्थान की 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा महिलाओं को मुफ्त स्मार्टफोन बांटने की स्कीम 10 अगस्त को लॉन्च होगी। पहले चरण में 40 लाख महिलाओं को 3 साल के मुफ्त इंटरनेट डाटा के साथ स्मार्टफोन मिलने लगेंगे।

Muje Free Mobile Milega Ya Nahi
मोबाइल प्राप्त करने के लिए महिलाओं को महंगाई राहत शिविर की तर्ज पर बने कैंप में जाना होगा। शिविर में जाकर मोबाइल लेने के लिए 6 जोन से गुजरना होगा। वहां हर महिला लाभार्थी को स्मार्टफोन खरीदने के लिए 6800 रुपए हाथों-हाथ उनके खाते में दिए जाएंगे। इन पैसों से वे मनचाहा फोन खरीद सकेंगी।
स्मार्टफोन कैसे मिलेगा? पहले चरण में ये फोन किसे मिलेगा, किसे नहीं? कोई महंगा मोबाइल खरीदना चाहें तो क्या करना होगा? शिविर में 6 जोन कौनसे बनाए गए हैं, वहां क्या प्रोसेस होगी? आइए इस स्पेशल स्टोरी के जरिए जानते हैं ‘इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन योजना’ से जुड़े हर सवाल का जवाब…
सबसे पहले एक नजर टाइमलाइन पर, कौनसी तारीख को क्या होगा?
28 जुलाई : 40 लाख लाभार्थियों की सूची फाइनल हो जाएगी
30 जुलाई : शिविर स्थल का चयन हो जाएगा।
1 से 6 अगस्त : शिविरों को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो जाएंगी।
7 से 9 अगस्त : शिविरों को लेकर मॉक ड्रिल का आयोजन, इनमें 10-10 लाभार्थियों को स्मार्टफोन वितरण किया जाएगा।
10 अगस्त : मुख्यमंत्री ‘इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना’ की लॉन्चिंग करेंगे। इसके बाद से हर जिले में लगे शिविर लाभार्थियों के लिए खोल दिए जाएंगे।

पहले इन परिवारों की महिला मुखिया को मिलेगा मुफ्त स्मार्टफोन?
पहले चरण में यूं तो 40 लाख महिलाओं को चुना जाएगा। लेकिन उन चिरंजीवी परिवारों को स्मार्ट फोन पहले दिया जाएगा, जिन परिवारों की बच्चियां सरकारी स्कूल की 10वीं व 12वीं कक्षा में पढ़ती हैं। या फिर उच्च शिक्षण संस्थानों (महाविद्यालय, आईटीआई या पॉलिटेक्निक) में जिन परिवारों की बेटियां पढ़ रही हैं, उन्हें इस स्कीम का लाभ पहले फेज में दिया जाएगा।
- इसके अलावा विधवा या एकल नारी पेंशन पाने वाली महिलाओं को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है।
- मनरेगा में वर्ष 2022-23 में 100 दिन काम करने वाले परिवार को प्राथमिकता दी जाएगी।
- इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तरत वर्ष 2022-23 में 50 दिन कार्य दिवस पूरा करने वाले परिवार।
ये रहेंगी शर्तें : अगर जनाधार मुखिया की मृत्यु हो चुकी है तो उनके बच्चे भी लाभार्थी बन सकते हैं। लेकिन शर्त यही है कि उम्र 18 साल से कम होने पर उन्हें परिवार के मुखिया का आधार कार्ड या जन आधार कार्ड साथ लाना होगा। साथ ही उस मुखिया का भी उपस्थित होना अनिवार्य है।

सरकार फ्री मोबाइल के लिए कितने पैसे देगी?
राज्य सरकार मोबाइल खरीद के लिए 6125 रुपए और डाटा रिचार्ज के लिए 675 रुपए के साथ कुल 6800 का भुगतान करेगी। डेटा के लिए राज्य सरकार वित्तीय वर्ष के हिसाब से 9 महीने के लिए 75 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से 675 रुपए ट्रांसफर करेगी। आप अपनी पसंद का महंगा मोबाइल भी खरीद सकते हैं, इसके लिए सरकार ने पूरी आजादी दी है। बस डिफरेंस का पैसा आपको अपनी जेब से मौके पर ही देना होगा।
शिविर में स्मार्टफोन के लिए 6 जोन बनाए जाएंगे : आइए आपको पूरी प्रोसेस समझाते हैं कि सरकार जो शिविर लगाएगी, वहां मोबाइल कैसे मिलेगा?
जोन – 1 : हेल्पडेस्क फॉर डॉक्यूमेंट चैक एरिया
यहां क्या होगा? : हेल्प डेस्क टीम को जन आधार कार्ड, जन आधार में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की पहचान, आधार कार्ड, फोटो एवं अन्य ई-केवाईसी के लिए दस्तावेज चेक करवाने होंगे। अगर कोई कमी होगी तो उसे डॉक्यूमेंट पूरे करने के लिए कहा जाएगा।
सारे दस्तावेज चेक होने के बाद लाभार्थी को फोन प्राप्त करने की पूरी जानकारी दी जाएगी। बताया जाएगा कि फोन में जन आधार ई-वॉलेट एप कैसे डाउनलोड करना है, सिम कहां से मिलेगी वगैरह।
जोन – 2 : प्री रजिस्ट्रेशन काउंटर्स एंड एलिजिबिलिटी चैक
यहां क्या होगा? : यहां DOIT के अधिकारी लाभार्थी की पात्रता की पहचान करेंगे कि आप इस योजना के पात्र हैं या नहीं। इसके लिए वे अपने पास मौजूद लिस्ट में आपके मोबाइल नंबर का मिलान करेंगे। आप पात्र हुए तो जन आधार कार्ड, ई-वॉलेट, केवाईसी फॉर्म, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के फॉर्म यहीं भरवा लिए जाएंगे।
जोन – 3 : सिम सिलेक्शन एंड सेल्स काउंटर
यहां क्या होगा? : यहां आपको टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां मिलेंगी। जैसे- एयरटेल, जियो, वोडाफोन-आइडिया, बीएसएनएल इत्यादी। यहां लाभार्थी ई-केवाईसी भरने के बाद अपनी पसंद के नेटवर्क की सिम और डेटा प्लान कौनसा लेना है 4जी या 5जी ये भी चुन सकेगा।
जोन – 4 : फोन सिलेक्शन एंड सेल्स काउंटर
यहां क्या होगा? : यहां लाभार्थी को अधिकृत मोबाइल कंपनियों के डीलरों से आप अपनी पसंद का मोबाइल फोन खरीद सकेंगे। यहां कंपनियां आपको कई स्मार्टफोन के ऑप्शन देंगी। लाभार्थी अपनी मर्जी से किसी भी कंपनी के डीलर के पास जाकर 4जी या 5जी में से कोई भी फोन खरीदने के लिए आजाद होंगे।
जोन – 5 : डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT)
यहां क्या होगा? : लाभार्थी के ई-वॉलेट केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
- लाभार्थी की ओर से चुने गए मोबाइल एवं सिम की जानकारी मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना (MDSY) प्लेटफॉर्म में एंट्री की जाएगी।
- अब सरकार की ओर से फिक्स 6800 रुपए ई-वॉलेट के माध्यम से लाभार्थी को ट्रांसफर हो जाएंगे।
- अब अगर लाभार्थी ने महंगा मोबाइल पसंद किया है तो उसे सरकार से मिले 6800 रुपए के साथ-साथ बाकी के पैसे अपनी जेब से डीलर को देने होंगे।

जोन – 6 : डिजिटल हैंड होल्डिंग एरिया
यहां क्या होगा? : यहां लाभार्थी को कई तरह की डिजिटल एक्टिविटी करवाई जाएगी, ताकि स्मार्टफोन को चलाने का तरीका, उसमें न्यूज पढ़ने, सरकार की स्कीम पढ़ने का तरीका बताया जाएगा।
- LIVE प्रश्नोत्तरी भी रखी जाएगी, जिसमें प्रश्नों के सही जवाब देने पर इनाम भी रखे गए हैं।
- नुक्कड़ नाटक द्वारा राज्य सरकार की जन कल्याण की योजना की जानकारी मिलेगी।
- लाभार्थी को डिजिटल साक्षरता के लिए डिजिटल सखी बुकलेट का वितरण किया जाएगा।
- लाभार्थी से इंटरेक्शन कर उनके मोबाइल में राज्य सरकार की एप्लीकेशन डाउनलोड की जाएगी।
अब इस स्कीम से जुड़े सवालों के जवाब जान लेते हैं….
ये शिविर कहां लगेंगे, कैसे पहुंचा जाए?
ज्यादातर शिविर ऐसे सरकारी स्कूल, पंचायत समिति कार्यालय या अन्य सरकारी भवनों में लगेंगे जहां कम से कम 5 कमरे हों और लोगों के इकट्ठे होने के लिए पर्याप्त स्थान हो। 30 जुलाई तक जिला कलेक्टर जगह तय कर लेंगे कि शिविर कहां लगेगा। एक बार जगह फिक्स होने के बाद विज्ञापनों के जरिए जगह के बारे में बताया जाएगा।
- कलेक्टरों को हर ब्लॉक में एक शिविर का स्थान और शहरी क्षेत्र में 2 से 6 शिविरों के लिए जगह का चयन करना होगा।
- शिविरों में बारिश और धूप का ख्याल रखा जाएगा। खुले एरिया में टेंट लगाए जाएंगे।
- महंगाई राहत शिविरों की तर्ज पर इन्हें चलाया जाएगा। बस अंतर यही है कि मोबाइल बांटने के लिए लगे ये शिविर स्थायी होंगे।

शिविरों की टाइमिंग क्या रहेगी?
जवाब : शिविर सुबह 10 से शाम 6 बजे तक लगेंगे। हर सप्ताह 6 दिन (सोमवार से शनिवार) आयोजित होंगे। केवल रविवार के दिन शिविर बंद रखे जाएंगे।
अगर कोई दिक्कत या परेशानी आती है तो शिकायत कहां करें?
जवाब : अगर शिविर में मौजूद कोई भी अधिकारी स्कीम की जानकारी या लाभ नहीं देता है, या फिर शिविर से संबंधित किसी प्रकार की समस्या है तो लाभार्थियों की शिकायत के लिए हर शिविर में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, वहां जाकर शिकायत कर सकते हैं। वहीं, लाभार्थी स्वयं की पात्रता से संबंधित शिकायत टोल फ्री नंबर 181 पर काल कर दर्ज करवा सकते हैं।
तय राशि से कम कीमत का मोबाइल खरीदना चाहें तो?
जवाब : राज्य सरकार ने महिला मुखिया को एक फिक्स अमाउंट (6800 रुपए) देना तय किया है। महिलाओं को स्मार्ट फोन के बदले ये तय राशि अकाउंट में डाल दी जाएगी, वे चाहें तो मोबाइल तय राशि से कम कीमत वाला भी खरीद सकती हैं। फिर जो पैसे बचेंगे उसका वे किसी भी तरीके से उपभोग करने के लिए स्वतंत्र हैं। राज्य सरकार का मानना है कि महिलाओं को स्मार्ट फोन के बदले राशि देने में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।

एक बार रिचार्ज खत्म होने के बाद क्या करेंगे?
जवाब : राज्य सरकार ने हर महीने डेटा उपभोग के लिए 75 रुपए फिक्स किए हैं। अभी तो लाभार्थी को शिविर में टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आईडिया या बीएसएनएल) से उनका डेटा प्लान लेना होगा। ये प्लान 9 महीने बाद यानी 31 मार्च को खत्म हो जाएगा। अब इसके बाद 1 अप्रैल से पहले ही पूरे साल के लिए 900 रुपए लाभार्थी के खाते में डाल दिए जाएंगे। इससे आप अपनी जरूरत के अनुसार डेटा प्लान खरीद सकते हैं। स्कीम के मुताबिक 3 साल तक डेटा फ्री देने के लिए राशि 75 रुपए प्रति महीने की दर से ट्रांसफर की जाएगी।
मैं लाभार्थी हूं या नहीं, इसकी जानकारी मुझे कैसे लगेगी?
जवाब : राज्य सरकार को सभी 1.35 करोड़ परिवारों की महिला मुखिया को मोबाइल योजना का लाभ देना है। ऐसे में सरकार ने तय किया है कि जो भी परिवार चिरंजीवी योजना के तहत पंजीकृत होगा, उसे 3 साल के इंटरनेट के साथ स्मार्ट फोन फ्री दिया जाएगा। लेकिन पहले चरण में 40 लाख परिवार चुनने के लिए राज्य सरकार ने कुछ शर्तें तय की हैं, जिसकी ऊपर जानकारी दी गई है। मैं लाभार्थी हूं या नहीं इसकी जानकारी ऑनलाइन वेब पोर्टल पर चेक की जा सकेगी। या फिर राजस्थान संपर्क हेल्पलाइन नंबर 181 पर डायल कर जानकारी ली जा सकती है।

सरकार ने 1 करोड़ 35 लाख लोगों को फोन देने का वादा किया था, अभी 40 लाख को ही मिलेगा तो बाकियों का नंबर कब आएगा?
जवाब : सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार का मकसद है कि चुनाव से पहले तक इन 40 लाख परिवारों तक मोबाइल फोन पहुंचा दिए जाए। अगले चुनाव बाद यदि कांग्रेस सरकार रिपीट होती है, तो इसके बाद बचे परिवारों के लिए भी शिविर में फ्री स्मार्ट योजना का लाभ दिया जाएगा। लेकिन यदि कांग्रेस चुनाव हार जाती है, तो जो सरकार बनेगी योजना को चालू रखना उसके निर्णय पर निर्भर रहेगा।
स्कीम की अधिक जानकारी के लिए तैयार हो रहा पोर्टल
फ्री मोबाइल स्कीम के लिए मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना (MDSY) पोर्टल तैयार किया जाएगा। इस पोर्टल के जरिए आमजन शिविरों की जगह की जानकारी ले सकेंगे।