जोधपुर-जैसलमेर सड़क मार्ग पर शुक्रवार तड़के देचू थाना क्षेत्र के बंबोर टोल नाके के समीप दो वाहनों की आमने-सामने हुई भीषण टक्कर में एक युवक की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए जोधपुर लाया गया है। इस टक्कर में बोलेरो के परखच्चे बिखर गए, जबकि दूसरे वाहन को उसका ड्राइवर हादसे के बाद भगा ले गया।
पुलिस के अनुसार बंबोर टोल नाके के समीप आज तड़के एक बोलेरो व अज्ञात वाहन की टक्कर हो गई। दोनों वाहन तेज रफ्तार के साथ आमने-सामने से आपस में टकराए। इस टक्कर में बोलेरो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। बोलेरो में सवार तीन लोग अंदर ही फंस गए। क्षेत्र के लोगों ने उन्हें बाहर निकाला। तब तक एक युवक की मौत हो चुकी थी। बाद में उसकी पहचान शेरगढ़ निवासी तारूराम पुत्र चून्नीलाल भील के रूप में हुई। जबकि उसके साथ बोलेरो में सवार दो अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए जोधपुर रवाना किया गया। सूचना मिलते ही बंबोर चौकी से पुलिस मौके पर पहुंची। टक्कर मारने के बाद दूसरे वाहन का ड्राइवर वहां नहीं ठहरा और अपने वाहन को भगा ले गया।
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MGH में कंधे की सफल रिवर्स शोल्डर सर्जरी:बचपन में ऊंट ने लात मारी; पहलवान से ठीक कराया तो हुई बीमारी
जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के आर्थोपेडिक विभाग में कंधे की रिवर्स शोल्डर रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई। डॉ हेमन्त जैन बताया जैसलमेर जिले की 40 वर्षीय धाई देवी को बचपन में ऊंट ने लात मार दी थी। कंधे मे चोट लगी तो गांव में देसी पहलवान से इलाज करा लिया।
कंधे की हड्डी सही नहीं जुड़ी तो कम उम्र में ही कंधे के जोड़़ का आर्थराइटिस रोग हो गया। जिसकी वजह से एक-दो साल से कंधे में तेज दर्द हो रहा था। कंधे का मूवमेंट भी कम हो गया था। एक्स रे जांच में मरीज के कंधे में बहुत ज्यादा आर्थराइटिस हो चुका था।
एम.आर.आई. एंव सी .टी. स्कैन के बाद रिवर्स शोल्डर रिप्लेसमेंट सर्जरी प्लान की गई। इस तकनीक में कंधे की बाॅल को अंदर की तरफ बना देते हैं एवं सॉकिट बाहर की तरफ। कंधे के रिप्लेसमेंट में यह सबसे आधुनिक तकनीक है। इस में कंधे की चाल वापस पूरी तरह आने की संभावना रहती है।
इस सर्जरी में डॉ. किशोर रायचन्दानी के निर्देशन मे डॉ. हेमन्त जैन, डॉ. निरोतम एवं डॉ. गौरव की टीम ने रिवर्स शोल्डर रिप्लेसमेंट सर्जरी की। एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. सरिता जनवेजा, डॉ. प्रमिला सोनी, सर्जरी में नर्सिग ऑफिसर अजीत गुरनानी, जमुना सिस्टर व ज्ञानप्रकाश का सहयोग रहा।
सर्जरी के बाद अब मरीज को चार हफ्ते तक आर्म स्लींग में बांध कर रखा जाएगा। धीरे-धीरे कंधों की एक्सरसाइज करवाकर दो माह में पूरा मूवमेंट करवाया जाएगा।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजश्री बोहरा ने बताया लगभग दो लाख कीमत का जोड मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना के तहत मंगवाया गया। मेडिकल कालेज प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छवाहा ने बताया कि पूरे राजस्थान प्रदेश में मेडिकल कालेज में इस तरह की यह पहली सर्जरी की गई है।