जोधपुर में लूणी से सतलाना जाने वाले मार्ग पर बने 60 बीघा खेत में शनिवार दोपहर अचानक से आग लग गई। आग ने सबसे पहले खेत की बाड़ और इसके बाद सूखे चारे को चपेट में ले लिया। जहां आग लगी उस से 100 मीटर की दूरी पर चार बारूद के गोदाम भी बने हुए थे।
गनीमत रही कि फायर ब्रिगेड और आसपास के ग्रामीणों के सहयोग से आग पर जल्दी ही काबू पा लिया गया। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। मौके पर लूनी थाना अधिकारी ईश्वरचंद पारीक जाब्ते के साथ मौजूद रहे।

ग्रामीण गजेंद्र सागर ने बताया कि सतलाना जाने वाले मार्ग पर एक फार्म हाउस में अचानक से धुआं उठता दिखाई दिया तो जाकर देखा। वहां भीषण आग लग रही थी। इसकी सूचना फायर ब्रिगेड की टीम को दी।
सूचना मिलने के बाद बासनी फायर ऑफिस से दमकल मौके पर पहुंची। वहीं आस-पास के गांव से भी ग्रामीण पहुंचे और टैंकरों और अन्य संसाधनों के माध्यम से आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया लगभग 2 घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
ग्रामीणों ने सावधानी दिखाते हुए सबसे पहले चार बारूद के गोदाम तक आग को बढ़ने से रोका इसके लिए जेसीबी की सहायता से सूखी घास और बाड़ को हटाने का काम किया। इसके बाद ग्रामीण भंवर सीरवी और अन्य ने पानी का टैंकर से चारे पर छिड़काव किया। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

खबरें और भी हैं…
डेढ़ महीने से चल रही थी हत्या की साजिश:गूगल पर सर्च किए मौत के तरीके, फिर बनाया प्लान
जोधपुर जिले के पीलवा क्षेत्र की विश्नोइयों की ढाणी में शुक्रवार को परिवार के चार लोगों के हत्या कर आत्महत्या करने के कारणों का खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है। इस मामले की जांच में जुटी पुलिस के हाथ कुछ अहम सुराग लगे है।
माता-पिता व दो बेटों के हत्यारे शंकरलाल विश्नोई डेढ़ माह से अपने परिजनों को मारने की साजिश रच रहा था। वह अपने मोबाइल पर हत्या करने के तरीके खोजता रहा।
जोधपुर जिले में शुक्रवार सुबह विश्नोइयों की ढाणी में एक साथ पांच लोगों की मौत से सनसनी फैल गई। बाद में पता चला कि 35 वर्षीय शंकरलाल विश्नोई ने अपने पिता साठ वर्षीय सोनाराम, 55 वर्षीय मां चंपा, 12 वर्षीय पुत्र लक्ष्मण व 9 वर्षीय पुत्र दिनेश की पहले कुल्हाड़ी से वार कर हत्या की।
इसके बाद मां व दोनों बेटों के शवों को टांके में डाल दिए। चार हत्या करने के बाद उसने पड़ोस के खेत में जाकर वहां बनी डिग्गी में कूद अपनी जान दे दी। शंकर ने सभी परिजनों को नींद की गोलियां खिला दी।
इसके बाद उसने चार लोगों की हत्या कर दी। उसने अपनी व भाई की पत्नी को भी नींद की गोलियां दी थी, लेकिन दोनों को मारा नहीं।
लंबी थी प्लानिंग
शंकर के मोबाइल की शुरुआती जांच में पुलिस को कुछ चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी है। इससे जाहिर हो रहा है कि उसके दिमाग में इन लोगों की हत्या करने की उधेड़बुन 14 सितम्बर से चल रही थी। अपने मोबाइल में गूगल पर लगातार दुनिया की सबसे अच्छी नींद की गोली को सर्च किया। क्राइम पेट्रोल के भी एपिसोड देखता था
पत्नी की भी थी चिंता
सिर्फ ऐसा ही नहीं है कि वह परिवार पर आने वाले संकट से वाकिफ नहीं था। उसने सामूहिक आत्महत्या करने के बाद मिलने वाले मुआवजे के बारे में भी काफी सर्च किया। पता लगा रहा था कि मौत के बाद पत्नी को क्या आर्थिक सहायता मिल सकती |