Clerk Peon Recruitment 2022 न्यायालयोें में लिपिक, चपरासी के पदों पर भर्ती


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Clerk Peon Recruitment 2022 तीन न्यायालयोें में 18 नवीन पदों का सृजन

 मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने नवसृजित सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट खंडेला (सीकर), छत्तरगढ़ (बीकानेर) एवं रैनी (अलवर) न्यायालयों के लिए 18 नवीन पदों (Clerk Peon Recruitment 2022) के सृजन को मंजूरी दी है। प्रस्ताव के अनुसार, प्रत्येक नवसृजित न्यायालय में लिपिक ग्रेड-द्वितीय, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के एक-एक पद तथा प्रोसेस सर्वर के 4 पदों सहित तीनों न्यायालयों के लिए कुल 18 पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है।

Clerk Peon Recruitment 2022
Clerk Peon Recruitment 2022

उल्लेखनीय है कि नवसृजित न्यायालयों के लिए नवीन स्टाफिंग पैटर्न एवं संशोधित नियमों के अनुसार पदों का सृजन किया गया है। श्री गहलोत के इस निर्णय से नवसृजित न्यायालयों के संचालन में सुगमता होगी।

प्रदेश के 60 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में शुरू होगा ‘चेस इन स्कूल’

 प्रदेश के 60 हजार से अधिक सरकारी विद्यालयों में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की जयंती (19 नवंबर) से ‘चेस इन स्कूल’ कार्यक्रम प्रारम्भ होगा। इसके बाद हर महीने के तीसरे शनिवार को ‘नो बैग डे’ के दौरान स्कूलों में शतरंज खेला जाएगा। शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने रविवार को बीकानेर के रमेश इंग्लिश स्कूल में 66वीं जिला स्तरीय विद्यालयी खेलकूद के तहत शतरंज प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि देशभर में पहली बार राजस्थान में यह पहल होने जा रही है। इसके तहत प्रदेश के 60 हजार से अधिक स्कूलों में खेल ग्रांट से चेस बोर्ड एवं अन्य आवश्यक सामग्री खरीदी जाएगी और बच्चों को शतरंज में पारंगत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क के समुचित विकास के लिए शतरंज जैसे खेल खेलना जरूरी है।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि पहली बार शतरंज को स्कूली खेलों में शामिल किया गया है। इसके बाद शतरंज की जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं हो रही हैं। इन प्रतियोगिताओं में भागीदारी निभाने वाले बाल शातिर आने वाले समय में शतरंज की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में राजस्थान का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि राजस्थान के अधिक से अधिक शातिर ग्रैंड मास्टर बनें। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि आज बच्चे टीवी, मोबाइल और वीडियो गेम के जाल में फंसते जा रहे हैं। इसे बच्चों का मानसिक विकास अवरूद्ध होता है। ऐसे में शतरंज जैसे खेल से विद्यार्थियों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होगी।

 स्कूली खेलों में शामिल करने के बाद पहली जिला स्तरीय स्कूली शतरंज प्रतियोगिता प्रारम्भ

स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष श्री महेश शर्मा ने कहा कि शतरंज खेल को प्रोत्साहित करने में ‘चेस इन स्कूल’ देश का सबसे बड़ा माध्यम बनेगा। उन्होंने दस और चौदह वर्ष आयु वर्ग में भी यह प्रतियोगिताएं आयोजित करने की बात कही। शतरंज के अंतर्राष्ट्रीय आर्बिटर एस.एल. हर्ष ने कहा कि ‘चेस इन स्कूल’ से राजस्थान, देश व विश्व में अपनी विशेष पहचान बनाएगा। उन्होंने अभियान की रूपरेखा के बारे में बताया।

इससे पहले शिक्षा मंत्री ने दीप प्रज्वलित कर प्रतियोगिता की शुरूआत की। उन्होंने बच्चों के साथ शतरंज का अभ्यास मुकाबला खेला और बच्चों की हौसला अफजाई की। उन्होंने शतरंज के चौसठ खानों और मोहरों के बारे में बताया। प्रतियोगिता समन्वयक श्रीमती सेणुका हर्ष ने बताया कि जिला स्तरीय प्रतियोगिता के दौरान 17 और 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे चार वर्गों में भागीदारी निभाएंगे। शतरंज की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता भी 14 से 18 नवंबर से इसी स्कूल में होगी। इसमें प्रदेश के 33 जिलों की टीमें भागीदारी निभाएंगी।

स्कूल प्राचार्या श्रीमती हेमा क्वात्रा ने प्रतियोगिता के नियमों की जानकारी दी। जिला शिक्षा अधिकारी (माशि) श्री सुरेन्द्र सिंह और उप जिला शिक्षा अधिकारी (शाशि) श्री अनिल बोड़ा भी अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री  बुलाकी दास हर्ष ने किया। इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक डॉ. राहुल हर्ष, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के संयोजक श्री मनोज व्यास आदि मौजूद रहे।

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