औरंगाबाद में 9वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा मां बन गई। उसने गुरुवार को एक बच्चे को जन्म दिया है। लड़की ने बताया कि एक साल पहले मंदिर में एक लड़के से मिली थी। इस दौरान दोनों में प्यार हुआ और संबंध बने। जब उसे पता चला कि वह प्रेग्नेंट है तो लड़के ने उससे बात करना छोड़ दिया। लड़की ने भी समाज की परवाह किए बिना बच्चे को जन्म देने का फैसला किया।
छात्रा को एक अन्य लड़के और लड़की ने सदर अस्पताल में एडमिट कराया। बताया जा रहा है कि एडमिट कराने आई लड़की छात्रा की बहन थी। बच्चे के जन्म के बाद दोनों फरार हो गए। उसके बाद अस्पताल प्रशासन ने पुलिस और NGO को इसकी सूचना दी।
छात्रा की मां ने भी बच्चे को अपनाने से किया इनकार
वहीं, मां बनी छात्रा का कहना है कि जो मेरे साथ हुआ उसे कोई टाल नहीं सकता। मैं उस लड़के पर भी दबाव बनाना नहीं चाहती हूं। मैंने बच्चे को जन्म दिया और उसका पालन-पोषण भी करूंगी। अपने बच्चे का पूरी तरह से ख्याल रखूंगी।
जानकारी के मुताबिक, छात्रा के पिता नहीं हैं। मां है, लेकिन उन्होंने भी बच्चे को अपनाने से इनकार कर दिया है। छात्रा अपना घर का पता और मां के बारे में भी कुछ नहीं बताना चाहती है।

मंदिर में हुई थी लड़के से मुलाकात
छात्रा ने बताया कि वह शहर में किराए पर कमरा लेकर पढ़ाई करती है। एक साल पहले मंदिर में लड़के से मुलाकात हुई थी। धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती हो गई। लड़की ने कहा कि उम्र कम थी, समझ भी ज्यादा नहीं थी, लिहाजा हम दोनों एक दूसरे के काफी करीब आ गए।
छात्रा का कहना है कि एक दिन जब मैंने लड़के से कहा कि मै प्रेग्नेंट हूं…उसके बाद उसने बातचीत करना बंद कर दिया। लड़की ने भी अपनी तरफ से कोई पहल नहीं की। छात्रा ने कहा है कि अन्य लड़कियों को भी सोच समझकर इस तरह का स्टेप लेना चाहिए।
एडॉप्शन एजेंसी की नर्स ने की मुलाकात
बच्चे के जन्म होने के बाद छात्रा के साथ आए युवक और लड़की के फरार हो जाने के बाद अस्पताल प्रशासन ने पुलिस और NGO से संपर्क किया। कर्मा रोड स्थित आरोहन एडॉप्शन एजेंसी की नर्स गीतांजली कुमारी सदर अस्पताल पहुंची। वहां उसने छात्रा और उसके बच्चे का हालचाल जाना। छात्रा से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि छात्रा की हिम्मत की दाद देनी होगी। इसे हमारी संस्थान से जो भी मदद की जरूरत होगी वो की जाएगी।